चीन के सपनों का होगा डरावना अंत!, चीनी लेखक का काल्पनिक उपन्यास ‘हॉस्पिटल’ बना खौफनाक सच

Bejing: कल्पना और वास्तविकता के बीच एक महीन रेखा होती है, लेकिन जब कोई लेखक बार-बार ऐसी घटनाओं की कल्पना करता है जो बाद में सच हो जाती हैं, तो यह रेखा और भी धुंधली हो जाती है। चीन के प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक हान सॉन्ग (Han Song)  के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। उनकी कहानियाँ सिर्फ भविष्य की कल्पनाएँ नहीं, बल्कि आज के समाज और आने वाले कल की गूंज बन गई हैं।

2000 में लिखा हमला, 2001 में हो गया सच 
2000 में सॉन्ग ने अपने उपन्यास में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (ट्विन टॉवर) पर हमले की कल्पना की थी। उन्होंने इसे एक वैश्विक शक्ति के प्रतीक के रूप में दिखाया था, जो किसी भी वक्त गिर सकती है। एक साल बाद, 11 सितंबर 2001 को, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकवादी हमला हुआ और यह कल्पना भयानक हकीकत बन गई।

2016 में लिखा ‘हर इंसान बनेगा मरीज’ 
2016 में हान सॉन्ग ने एक और उपन्यास लिखा Hospital  जिसमें उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की थी जहाँ हर व्यक्ति को मरीज घोषित कर दिया जाता है और डॉक्टर बिना चेतावनी के लोगों को उनके घरों से उठा लेते हैं। तब इसे काल्पनिक माना गया, लेकिन 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान चीन समेत कई देशों में यही नज़ारा दिखा अस्पतालों में बेड की कमी, क्वारंटीन में उठाकर ले जाए गए लोग, मास टेस्टिंग और लॉकडाउन।
जब सरकार नींद में भी करवाती है काम 
अपनी कहानी My Country Doesn’t Dream  में सॉन्ग ने यह दर्शाया कि भविष्य की टेक्नोलॉजी कैसे इंसानों से नींद में भी काम करवा सकती है। इसमें एक अमेरिकी जासूस का भी जिक्र है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सॉन्ग किसी एक राजनीतिक धारा का पक्ष नहीं लेते। वे चीन की सरकारी सोच और पश्चिमी राजनीति – दोनों पर सवाल उठाते हैं।

 रात में लिखते हैं ‘सच’ की कल्पनाएँ 
सॉन्ग शिन्हुआ न्यूज एजेंसी में लंबे समय तक चीन की सरकारी प्रगति पर लेखन करते रहे हैं। दिन में वे सरकारी रिपोर्टिंग करते, लेकिन रात में उनके लेखन में सरकार, सिस्टम और मानव स्वभाव की जटिलताओं का विश्लेषण होता। उनके लेखों में तकनीक का डर, पश्चिम और चीन के बीच की खाई, और भविष्य को लेकर चिंता दिखती है।

स्पेस ट्रैवल और AI पसंदीदा विषय, लेकिन केंद्र में रहते ‘इंसान’ 
हान सॉन्ग के लिए विज्ञान कथा महज़ टेक्नोलॉजी का रोमांच नहीं, बल्कि इंसानों की प्रतिक्रिया का गहन विश्लेषण है। वे दिखाते हैं कि नई तकनीकें कैसे सोच, भावना और सामाजिक ढांचे को प्रभावित करती हैं। स्पेस ट्रैवल, एआई और भविष्य के युद्ध – उनके पसंदीदा विषय हैं, लेकिन वे हमेशा मानवीय संवेदनाओं को केंद्र में रखते हैं।

अपनी गिरती सेहत पर लिख रहे कहानियाँ 
फिलहाल सॉन्ग खुद सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने लिखा कि “जब एक इंसान भोजन के एक निवाले के लिए अपनी देह और आत्मा बेच देता है, तो वह सचमुच थक जाता है।” यह कथन सिर्फ उनके एक किरदार के लिए नहीं, खुद उनके जीवन की झलक भी देता है।

भविष्य के गर्भ में क्या, कोई नहीं जानता 
सॉन्ग कहते हैं कि भले ही चीन की सरकार यह तय कर ले कि  2035 में क्या होगा और 2050 में कैसा भविष्य होगा , लेकिन असल में कोई नहीं जानता कि समय अपने गर्भ में क्या छिपाए बैठा है। विज्ञान कथा की यही खूबसूरती है – यहां संभावनाएं अनगिनत होती हैं।हान सॉन्ग सिर्फ एक लेखक नहीं, बल्कि समाज और सत्ता के अंतर्विरोधों को उजागर करने वाला दार्शनिक हैं। उनकी रचनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या भविष्य वास्तव में हमारी योजना से बनता है, या वह अपनी राह खुद तय करता है?

NEWS SOURCE Credit :punjabkesari

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